बर्ड फ़्लू बन रहा हज़ारों पक्षियों के मौत का कारण।
बर्ड फ़्लू (bird flu) ने 2021 के शुरुआत में ही आने वाले संकट का अंदेशा दे दिया है ।वही कोरोना से पूरी मानव जाति अब तक उबर ही नहीं पाया है। वही दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान कम से कम कुछ पर्यावरणीय क्षति को देखना कही ना कही एक राहत की बात थी। लेकिन इस नए साल में, एक नई आपदा आ खड़ी हुई है। बीते एक हफ्ते भारत में प्रवासी पक्षी अचानक हज़ारों की तादाद में मर रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश में, पिछले चार दिनों में 1773 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में पौंग बांध क्षेत्र में यह पक्षी बड़ी संख्या में मृत पाए गए । इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत से वन अधिकारियों भी आश्चर्य में आ गए। इन मृत पक्षियों की मौत का सही कारण जानने के लिए, इन पक्षियों के नमूने एकत्र किए गए और सत्यापन के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए।
29 दिसंबर को, मज़ार, बथारी, सिहाल, जगनोली, छत्ता, धमेता और कुठेरा क्षेत्रों में लगभग 421 मृत पक्षी पाए गए थे। तब से मरने वालों की संख्या में तेजी आई है। हालाँकि कांगड़ा जिला उपायुक्त और जिला मजिस्ट्रेट राकेश कुमार प्रजापति ने इलाके में अलर्ट जारी किया है। जानवरों की आवाजाही पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
इन्हें भी देखे
Golden Age of Indian cinema कहानी ” हम दोनो की “
पाँच साल पहले क्यों लिया था इस परिवार ने ऐसा फ़ैसला
इंसानों को इस बीमारी से ख़तरा कब हो सकता है ?
बरेली के भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान द्वारा आधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि करने के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अचानक भारी तादाद में इन पक्षियों के मरने का कारण बर्ड फ़्लू (bird flu) है। भोबाटा रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश की मुख्य वन अधिकारी अर्चना शर्मा ने कहा कि भोपाल में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई कंजर्वेशन एनिमल डिजीज की रिपोर्ट आना बाकी है और प्रशासन को भी इसकी रिपोर्ट का इंतजार है।वही दूसरी ओर पर्यटन पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बर्ड फ़्लू H5N8 वायरस के कारण होता है।विशेषज्ञों के अनुसार, यह बीमारी माँस के सेवन से मानव में नहीं फैलती है, लेकिन पक्षियों के लिए, यह बीमारी बहुत जानलेवा है।पोल्ट्री की बिक्री और खरीद पर कांगड़ा जिले के फतेहपुर, देहरा, जवाली और इंदौरा क्षेत्रों में भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। हालाँकि इससे इंसानों को बर्ड फ़्लू (bird flu) से ज्यादा खतरा नहीं है। लेकिन अगर वायरस अपने आप में कुछ नए बदलाव करता है, तो यह बड़े पैमाने पर संक्रमण फैला सकता है।
इन्हें भी पढ़े
वो शख्सियत जिन्हें गैर भारतीय होते हुए भी भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
जानिए भारत में कौन सी 6 प्रथाएँ प्रचलित थी ?
दो पिल्लार्स पर बसा दुनिया का सबसे छोटा देश
कहाँ फैल रही ये बीमारी ?
हिमाचल प्रदेश से पहले भी मध्यप्रदेश, केरल और राजस्थान में ऐसे प्रवासी पक्षी मरे हुए पाए गए थे। राजस्थान में सोमवार को 170 मृत पक्षी पाए गए ।वही राजस्थान में कुल मरने वाले पक्षियों की संख्या 425 तक पहुँच गई है। झालावाड़ जिले में पक्षियों के सत्यापन के बाद ही यह स्पष्ट हो पाया है कि उन्हें भी बर्ड फ्लू(bird flu) है। केरल में, 12,000 बतख मारे गए हैं। इनमें से आठ पक्षियों के शवों को शव परीक्षण के लिए भोपाल भेजा गया था। बर्ड फ्लू से कम से कम पांच बत्तख संक्रमित हो गईं। केरल में भी अलर्ट जारी किया गया है।बाकी जिले में पार्टियों की जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है।
बत्तख के अलावा कौन सा पक्षी बर्ड फ़्लू से संक्रमित है?
मध्य प्रदेश में कौवे भी बर्ड फ़्लू (bird flu) से संक्रमित हैं। 3 जनवरी के बीच कुल 376 कौवे मारे गए हैं।पशुपालन मंत्रालय ने इतनी बड़ी संख्या में पक्षियों की अचानक मौत के मद्देनजर देश के सभी चार राज्यों में कड़ी चेतावनी जारी की है।हालाँकि अभी मनुष्यों के लिए बहुत कम खतरा है, लेकिन मांसाहार से परहेज करना समझदारी होगी। कुछ राज्यों ने पोल्ट्री चिकन, अंडे, मांस, मछली और इसी तरह की वस्तुओं की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया है ।पक्षियों में हालांकि संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। सभी को उम्मीद है कि आने वाला नया साल उम्मीद भरा होगा, लेकिन इस बात पर संदेह की गुंजाइश है कि क्या इस नए साल में नए संकट के संकेत हैं।